नेशनल डेस्क। भारत के दक्षिण राज्यों में जनजीवन को तहस नहस करने वाले मिचोंग चक्रवर्ती तूफान का असर छत्तीसगढ़ में भी पड़ रहा है। मिचोंग चक्रवाती तूफान उत्तरी आंध्र प्रदेश से लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित कर रहा है। मिचोंग तूफान की 90-100 किमी प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहा है। आगे उसकी गति 110 किमी प्रति घंटे तक बढ़ने का अनुमान है। जिससे छत्तीसगढ़ के कई जिलों में हल्की हवा के साथ बारिश हो रही है।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पिघले 48 घंटे से बारिश हो रही है, साथ ही राजधानी से सटे क्षेत्र कांकेर, धमतरी, कवर्धा के साथ बस्तर में भी पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है। बारिश के कारण आम जनजीवन पर बुरा असर पड़ा है। साथ ही बेमौसम बारिश ने किसानों को चिंता में डाल दिया है। बारिश के कारण धान में सीलन आने लगती है जिससे वो जल्द ही खराब होने लगती है।
किसानों की बढ़ी चिंता
इन दिनों छत्तीसगढ़ में धान तिहार चल रहा है। जिससे धान खरीदी केन्द्रों में किसान बायोमेट्रिक सिस्टम से 30 जनवरी तक धान बेच सकेंगे। छत्तीसगढ़ के ज्यादातर किसानों ने धान कटाई के बाद धान की मिसाई भी कर ली है। अब बेमौसम बारिश के कारण धान खरीदी पर भी असर पड़ रहा है। बारिश के कारण किसानॉ को धान खरीदी केंद्र तक धान को बारिश से बचाकर पहुँचाना एक चुनौती बन गया है।
मौसम विभाग के वैज्ञानिक जनक राम साहू ने गुरुवार को भी प्रदेश के दक्षिणी जिलों में एक दो स्थानों पर हल्की मध्यम बारिश की संभावना जताई है, साथ ही इस तूफान के चलते पूरे छत्तीसगढ़ में भारी बारिश की भी संभावना है। मौसम विभाग का मानना है कि अभी ठंड का पारा और नीचे जासकता है।
प्रदेश का तापमान
बुधवार को रायपुर का अधिकतम तापमान 26.9 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16.7 डिग्री रहा है। बिलासपुर का अधिकतम तापमान 26.02 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16.5 डिग्री रहा तो अंबिकापुर का अधिकतम तापमान 25.1 डिग्री और न्यूनतम तापमान 13.4 डिग्री रहा है। जगदलपुर का अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान 16.8 डिग्री रहा है। दुर्ग का अधिकतम तापमान 28.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान 17.9 डिग्री दर्ज किया गया है।