रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन आज नारायणपुर में किसान आत्महत्या पर कांग्रेस ने स्थगन दिया। जिसे आसंदी ने अग्राह्य कर दिया जिसके बाद विपक्ष ने शोरगुल करते हुए सदन से वॉकआउट किया। सत्र की शुरुआत में विपक्षी कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने किसान आत्महत्या का मुद्दा उठाया, जिसके जवाब में अजय चंद्राकर ने कहा कि स्थगन की सूचना नहीं दी गई है, व्यवस्था आनी चाहिए।
चर्चा में भूपेश बघेल ने कहा कि विशेष परिस्थिति है, किसान ने कर्ज के बोझ से आत्महत्या की है, महत्वपूर्ण मुद्दा है। इसपर चर्चा होनी चाहिए। विपक्ष के चर्चा प्रस्ताव बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि नियम प्रक्रियाओं से परे सदन नहीं चल सकता। स्थगन का उल्लेख नहीं किया गया है, इसलिए चर्चा उचित नहीं।
चर्चा को आगे बढ़ाते हुए नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने कहा कि गरीब की दुःख सुनने में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, अध्यक्ष दयालु हैं, दरियादिल हैं, उसमें किसान या आदिवासी समा सकता है, चर्चा होनी चाहिए। इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि अभिभाषण पर चर्चा के दिन नियम के विपरीत चर्चा की मांग हो रही. भूपेश बघेल ने कहा कि सत्र आहूत होने के बीच आत्महत्या हुई है, बाद में चर्चा संभव नही है, इसे ग्राह्य करके चर्चा कराया जाए।
धरमलाल कौशिक ने चर्चा में शामिल होते हुए कहा कि अगले सत्र में नियम के तहत चर्चा हो सकती है। इस पर भूपेश बघेल ने कहा कि नियम में यही है कि एक विधानसभा से दूसरे विधानसभा सत्र के मध्य जो घटना होती है, उस पर चर्चा होती है, इसे ग्राह्य किया जाए। कवासी लखमा ने कहा कि किसान आत्महत्या न करे इसलिए चर्चा आवश्यक है।
जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने व्यवस्था देते हुए कहा कि मान्य और सुव्यवस्थित परंपरा है, इसमें सदस्यों का शपथ ग्रहण होता है, स्थगन और चर्चा के मांग की पूर्व ही सूचना दी जाती है। अल्प सूचना में स्थगन ध्यानाकर्षण नहीं लिया जा सकता जिसके बाद आसंदी ने स्थगन सूचना को अग्राह्य किया। आंसदी की व्यवस्था में किसान की आत्म हत्या चर्चा नहीं कराने के विरोध में विपक्ष ने शोरगुल मचाते हुए सदन से बहिर्गमन किया।