CG CM : छत्तीसगढ़ का अगला मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai ) होंगे। बीजेपी की विधायक दल की बैठक में सहमति बना ली गई है। विष्णुदेव साय कुनकुरी से विधायक हैं और प्रदेश के बड़े आदिवासी नेता हैं। वे 2 बार छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं। प्रचार के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा था कि, इन्हें जिताइए, मैं इनको बड़ा आदमी बना दूंगा।
बीजेपी ने छत्तीसगढ़ के सीएम पद पर नाम का ऐलान कर दिया है. विष्णुदेव साय को प्रदेश की जिम्मेदारी दी गई है. बीजेपी ने बड़ा दांव खेलते हुए आदिवासी नेता को सूबे का चेहरा बनाया है. सूत्रों का कहना है कि बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने विष्णुदेव साय का नाम मुख्यमंत्री पद के लिए प्रस्तावित किया है. इस तरह तमाम अटकलों पर विराम लग गया है.
कहा जा रहा है कि विधायक दल की बैठक में सीएम का नाम तय होने के बाद दिल्ली से मुहर लगी. जैसा कि अटकलें लगाई जा रही थीं कि बीजेपी किसी आदिवासी नेता को सूबे का सीएम बनाएगी. कहा ये भी जा रहा था कि किसी महिला नेता को भी मौका मिल सकता है. बीजेपी ने इस बार किसी भी राज्य में सीएम का चेहरा प्रोजेक्ट नहीं किया था.
छत्तीसगढ सीएम पद पर कई दावेदार थे. इसमें खुद रमन सिंह थे. साथ ही अरुण साव, ओपी चौधरी और रेणुका सिंह के नाम शामिल रहा. आदिवासी सीएम के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री विष्णुदेव साय (Vishnu Deo Sai ) के साथ ही रेणुका सिंह का नाम आगे चल रहा था. बता दें कि छत्तीसगढ में सारे कयासों को पलटते हुए बीजेपी ने शानदार जीत हासिल करने हुए 54 सीटें हासिल की हैं. जबकि कांग्रेस 34 सीटें जीत सकी.
विष्णुदेव (Vishnu Deo Sai ) ने छत्तीसगढ़ की कुनकुरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था. इसमें उन्होंने कांग्रेस के उद मिंज को हराया. विष्णुदेव को 87604 और उद मिंज को 62063 वोट मिले थे. विष्णुदेव छत्तीसगढ़ बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 2 साल 68 दिन तक उन्होंने इस जिम्मेदारी को निभाया. साथ ही रायगढ़ सीट से सांसद भी रहे हैं.
जून 2020 में बीजेपी ने साय को छत्तीसगढ़ का अध्यक्ष नियुक्त किया था. इस पद पर वो अगस्त 2022 तक रहे. साथ ही रायगढ़ से चार बार (1999-2014) सांसद चुने गए. पहली नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाया गया. 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने उन्हें चुनाव मैदान में नहीं उतारा था. इसकी वजह ये थी कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 2018 में राज्य विधानसभा चुनाव हारने के बाद अपने किसी भी मौजूदा सांसद को चुनाव नहीं लड़ाने का फैसला किया था.