दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजस्थान के जैसलमेर में बड़ाखाना के दौरान सैनिकों के साथ बातचीत करते हुए कहा कि अब भारत के खिलाफ कोई भी दुस्साहस करने से पहले पाकिस्तान को दो बार सोचना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन ‘सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान को कड़ी सतर्कता बरतने का संदेश भेजा है।” श्री सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, केवल रुका हुआ है। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि किसी भी दुस्साहस की स्थिति में उसे और भी कड़ी कर्रवाई का सामना करना पड़ेगा। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा, “हमारे पायलटों ने सिर्फ भारत की ताकत का एक नमूना दिखाया है; यदि अवसर मिला तो वे हमारी असली क्षमता प्रदर्शित करेंगे।”

श्री राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर देते हुए कि देश के विरोधी कभी निष्क्रिय नहीं रहते हैं, सशस्त्र बलों से सदैव सतर्क एवं पूरी तरह तैयार रहने और उनकी गतिविधियों के विरुद्ध उचित व प्रभावी कदम उठाने का आह्वान किया।
रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक भारत को एक विकसित और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण को साकार करने में सशस्त्र बलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक केवल सीमाओं के रक्षक ही नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के अग्रदूत भी हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, “यह सदी भारत की है; भविष्य हमारा है। आत्मनिर्भरता की दिशा में जो प्रगति हमने की है, उससे पूर्ण विश्वास है कि हमारी सेना निस्संदेह विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में अपना स्थान रखती है।”
राजनाथ सिंह ने सीमावर्ती बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति सरकार की वचनबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि रक्षा तैयारियों को सुदृढ़ करने के लिए सीमा क्षेत्रों में तीव्र गति से विकास गतिविधियां संचालित की जा रही हैं।
रक्षा मंत्री ने बड़ाखाना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भारत की समृद्ध संस्कृति, सभ्यता और मूल्यों का प्रतीक है, जहां पर सभी के साथ समानता एवं एकता की भावना से व्यवहार किया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारी सेनाएं विविध धर्मों, जातियों, भाषाओं और क्षेत्रों के लोगों का संगम हैं। राजनाथ सिंह ने कहा, “भारतीय सेनाओं में अपार विविधता है और यह भिन्नता बड़ाखाना के दौरान एक ही थाली में झलकती है, जो इसे किसी भी अन्य रात्रिभोज समारोह से विशिष्ट बनाती है।”
रक्षा मंत्री ने बड़ाखाना से पूर्व जैसलमेर में अपनी तरह के अनूठे कैक्टस-सह-वनस्पति उद्यान ‘शौर्यवन’ का उद्घाटन किया। भारतीय सेना की यह अभिनव पहल अर्थात ‘शौर्यवन’ — थार रेगिस्तान के विस्तृत क्षेत्र को एक सजीव मरुद्यान में परिवर्तित करती है, जो देश की लचीलेपन, पारिस्थितिक संरक्षण और नवाचार की भावना का प्रतीक है।
श्री राजनाथ सिंह ने ‘भारत रणभूमि दर्शन’ पहल के तहत जैसलमेर युद्ध स्मारक ‘शौर्य गणतंत्र’ पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्हें स्मारक के संग्रहालय में संरक्षित युद्ध ट्रॉफियों और ऐतिहासिक कलाकृतियों के समृद्ध संग्रह के बारे में जानकारी दी गई, जो विभिन्न युद्ध क्षेत्रों में भारतीय सेना की वीरता एवं बलिदान के गौरवशाली इतिहास का सजीव प्रमाण हैं।
रक्षा मंत्री ने स्मारक में आयोजित अत्याधुनिक होलोग्राफिक लाइट एंड साउंड शो के उद्घाटन प्रदर्शन का भी अवलोकन किया, जो अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पर आधारित है और स्मारक की एक प्रमुख आकर्षण स्थल के रूप में प्रतिष्ठा को बढ़ाता है।
इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, उप थल सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल पुष्पेन्द्र सिंह, सभी सेना कमांडर और भारतीय सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह उपस्थित थे।
रक्षा मंत्री 24 अक्टूबर, 2025 को अग्रिम क्षेत्रों का दौरा करेंगे और दक्षिणी कमान द्वारा आयोजित एक शक्तिबोधक ‘क्षमता प्रदर्शन अभ्यास’ का अवलोकन करेंगे। वे जैसलमेर में आयोजित सेना कमांडरों के सम्मेलन को भी संबोधित करेंगे।



