भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) छत्तीसगढ़ ने माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं जीएसटी परिषद द्वारा घोषित ऐतिहासिक जीएसटी 2.0 की नीतिगत पहल का हार्दिक स्वागत किया है। कर संरचना का सरलीकरण, आवश्यक वस्तुओं को कर-मुक्त करना, तथा विलासिता की वस्तुओं पर संतुलित कर प्रणाली लागू करना ‘जीवन को सरल बनाने’ और ‘व्यापार करने में सहजता’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण व्यवस्थागत नवाचार है।

जीएसटी 2.0 विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगों को व्यापक लाभ पहुंचाएगा, अनुपालन को सरल बनाएगा, लागत में कटौती करेगा और उपभोग को प्रोत्साहित करेगा — विशेषकर छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में, जहां कृषि, इस्पात एवं एमएसएमई राज्य की आर्थिक रीढ़ हैं।
“खाद्य पदार्थों जैसी आवश्यक वस्तुओं को कर-मुक्त करना और इनपुट लागत में कमी करना किसानों, खाद्य प्रसंस्करणकर्ताओं तथा उपभोक्ताओं के लिए प्रत्यक्ष रूप से लाभकारी है। यह एक ऐसी नीतिगत पहल है, जो ग्रामीण और शहरी भारत दोनों को सशक्त बनाती है।”
– श्री संजय जैन, चेयरमैन, सीआईआई छत्तीसगढ़ (कृषि-खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र)
“जीएसटी 2.0 अनुपालन को सहज बनाता है और कार्यशील पूंजी प्रवाह को सुदृढ़ करता है, जो इस्पात एवं खनन जैसे भारी उद्योगों के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा देगा तथा छत्तीसगढ़ के मूलभूत औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश को प्रेरित करेगा।”
– श्री बजरंग गोयल, वाइस-चेयरमैन, सीआईआई छत्तीसगढ़ (इस्पात एवं खनन क्षेत्र)
“जमे हुए खाद्य पदार्थों पर जीएसटी में कटौती से परिवारों को ₹400–600 प्रति माह की बचत होगी, जिससे उपभोक्ताओं की क्रय क्षमता बढ़ेगी और आपूर्ति श्रृंखलाएं मजबूत होंगी। यह किसानों, प्रोसेसरों और खुदरा व्यापारियों के लिए अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न करेगा।”
– श्री अर्चित गोयल, कार्यकारी निदेशक, GOELD (खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र)
“दो-स्तरीय जीएसटी संरचना की ओर यह बदलाव मुकदमों और जटिलताओं को कम करता है। यह एक दूरदर्शी व्यवस्थागत परिवर्तन है, जो न्यायोचित कर प्रणाली सुनिश्चित करता है, उपभोग को गति देता है, और राज्यों के लिए राजकोषीय संभावनाओं का विस्तार करता है। यह सहकारी संघवाद का एक नया मानदंड स्थापित करता है।”
– श्री भावेश मित्तल, संयोजक, सीआईआई छत्तीसगढ़ – वित्त एवं कराधान पैनल