Friday, November 22, 2024
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पेड़ों को बचाने अदालतों में लीगल पेपर की जगह ए-4 कागज का इस्तेमाल करने की मांग, देश के कई राज्यों में पहले से ही लागू है यह प्रक्रिया

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बिलासपुर। पेपर की बर्बादी रोकने और पेड़ों को बचाने के लिए बड़े कानूनी आकार के कागज की बजाय छोटे ए-4 शीट का इस्तेमाल करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। कोर्ट ने सुनवाई के बाद प्रशासनिक समिति को इसका निराकरण 8 सप्ताह के भीतर करने का निर्देश दिया है।

आधा हो जायेगा कागज का उपयोग

अधिवक्ता आकृति अग्रवाल और शाहिद सिद्दीकी की ओर से अलग-अलग दायर जनहित याचिकाओं में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में सभी अदालतों में याचिकाएं दाखिल करते समय ए फोर कागज का इस्तेमाल करने का आदेश दिया है। इसमें कहा गया था कि लीगल पेपर बड़े आकार के होते हैं और इनमें केवल एक ओर लिखा जाता है। ए फोर कागज का इस्तेमाल होने से इसमें दोनों ओर लिखा जा सकेगा, जिससे लाखों टन कागज की बचत होगी। यह एक ऐसा कदम, जिससे कागज का उपयोग आधा हो सकता है।

कई राज्यों में नहीं हो सका है अमल

प्रारंभिक सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी के समक्ष यह अवगत कराया गया कि राज्यों को इस सबंध में सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया है। इन्हें सुविधा के अनुसार लागू करना है। कई राज्यों में अभी यह अमल में नहीं लाया जा सका है। बेंच ने सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति को आदेश दिया कि वह 8 सप्ताह में यह बताए कि क्या छत्तीसगढ़ की अदालतों में यह लागू हो सकता है। प्रकरण पर अगली सुनवाई शीतकालीन अवकाश के बाद होगी।

बता दें कि मुंबई और दिल्ली सहित अनेक राज्यों में उच्च न्यायालयों के आदेश पर वहां ए4 आकार के कागज का उपयोग शुरू हो चुका है। वकीलों और अदालत के अधिकारियों का कहना है कि यह एक ऐसा कदम, जिससे कागज का उपयोग आधा हो सकता है।

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