रायगढ़। ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट द्वारा ‘रोल ऑफ़ इनोवेशन, आंत्रप्रेन्योरशिप एन्ड मैनेजमेंट फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट’ विषय पर दो-दिवसीय पांचवें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन 17 -18 अक्टूबर 2024 के दौरान किया गया। सम्मलेन का आयोजन ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के पूंजीपथरा परिसर में हाइब्रिड मोड में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ । सोहर विश्वविद्यालय, ओमान, मेट्रोपोलिया यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज एवं जोश मारिया कॉलेज, फिलीपींस के सहयोग से आयोजित इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्देश्य इनोवेशन, आंत्रप्रेन्योरशिप एवं मैनेजमेंट क्षेत्रों से जुड़े हुए सभी स्टेक होल्डर्स को एक मंच पर लाना तथा सतत विकास में इनकी भूमिका पर चर्चा करना , एवं नवाचारों के साथ-साथ सतत विकास की व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करने अपनाए जाने वाले समाधानों को प्रस्तुत करने और चर्चा करने के लिए एक प्रमुख अंतःविषय मंच प्रदान करना था। इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मलेन में अकादमिक और उद्योगों के विशिष्ट वक्तागणों ने इनोवेशन, आंत्रप्रेन्योरशिप एन्ड मैनेजमेंट से संबंधित सभी प्रमुख क्षेत्रों अपने विचार प्रस्तुत किये।
सम्मेलन का उद्घाटन, 17 अक्टूबर को सम्बलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ बिधु भूषण मिश्रा ने डॉ श्रीनिवास के जी (डीन आईआईआईटी, रायपुर) डॉ आर. एस. तारे (SGSITS, इंदौर), श्री एस. एस. राठी (प्लांट हेड-एनएसपीएल ), डॉ मोनिका सेठी शर्मा (कुलपति-के. के. मोदी विश्वविद्यालय, दुर्ग), डॉ आर. डी. पाटीदार, कुलपति, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, कुलसचिव डॉ अनुराग विजयवर्गीय एवं डॉ हिमांशु वैष्णव (को-चेयर- ICRIEMSD 24), डॉ जे. पी. रथ (को-चेयर- ICRIEMSD 24) तथा अन्य गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति मे हुआ। उद्घाटन समारोह के आरम्भ में ओपीजेयू के कुलपति डॉ आर. डी. पाटीदार, ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और अपने सम्बोधन में सम्मेलन की आवश्यकता एवं उपयोगिता के बारे मे जानकारी दी। सम्मलेन के उद्देश्यों के बारे में डॉ पाटीदार ने बताया की नवाचार, उद्यमशीलता, प्रबंधन और सतत विकास ने जीवन की गुणवत्ता पर ध्यान दिया है तथा इन्हे स्थिरता की मांगों को परिभाषित करने के लिए महत्वपूर्ण के रूप में पहचाना गया है। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए और इनोवेशन, आंत्रप्रेन्योरशिप एन्ड मैनेजमेंट की सतत विकास में भूमिका पर चर्चा करने के लिए इस दो -दिवसीय डिजिटल अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। डॉ पाटीदार ने ओपी जिंदल विश्वविद्यालय, रायगढ़ के बारे में भी बताया और बहुत कम समय मे ओपीजेयू द्वारा प्राप्त उपलब्धियों को भी सभी से साझा किया। उन्होंने इस दौरान ओपीजेयू के विज़न के साथ-साथ जल्द ही स्थापित होने वाले वर्ल्ड स्किल सेंटर जिससे रोजगार एवं उद्द्यमिता को बढ़ावा मिलेगा, के बारे में विस्तृत रूप से बताया। इस अवसर पर डॉ पाटीदार ने सतत मार्गदर्शन, सहयोग एवं उत्साहवर्धन के लिए चेयरमैन-जेएसपी श्री नवीन जिंदल जी एवं ओ पी जिंदल विश्वविद्यालय की चांसलर श्रीमती शालू जिंदल जी के प्रति कृतज्ञता भी व्यक्त किया।
उनके पश्चात डॉ आर. एस. तारे (SGSITS, इंदौर), डॉ श्रीनिवास के जी (डीन आईआईआईटी, रायपुर), श्री एस. एस. राठी (प्लांट हेड-एनएसपीएल ) एवं सोहार यूनिवर्सिटी से डॉ नूर नाहा ने (ऑनलाइन माध्यम) ने अपने सम्बोधन में आयोजकों को सामयिक विषय में संगोष्ठी आयोजित करने के लिए बधाई दिया, और सम्बोधन में कांफ्रेंस की थीम, मैनेजमेंट एजुकेशन, उद्यमिता, इनोवेशन के विकास और स्टार्टअप्स और सतत विकास के बारे में अपने विचार सभी के साथ साझा किया।
सम्मलेन के मुख्य अतिथि सम्बलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बिधु भूषण मिश्रा ने अपने उद्बोधन में कहा की नवाचार वह इंजन है जो संधारणीय समाधानों को आगे बढ़ाता है, उद्यमशीलता व्यक्तियों को इन समाधानों को क्रियाशील उपक्रमों में बदलने के लिए सशक्त बनाती है, और प्रबंधन सुनिश्चित करता है कि संसाधनों का कुशलतापूर्वक और जिम्मेदारी से उपयोग किया जाए। सतत विकास के माध्यम से ही एक अच्छे भविष्य की नीव संभव है और इसके लिए नवाचार, उद्द्यमिता एवं प्रबंधन ही ऐसे स्तंभ हैं जिनसे सामंजस्यपूर्ण सतत विकास सुनिश्चित किया जा सकता है। उन्होंने सम्मेलन में भाग लेने वाले सभी शोधकर्ताओं और विद्वानों से सतत विकास के निर्माण के लिए, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया। उदघाटन समारोह के अंत में डॉ हिमांशु ने अन्य सभी गणमान्य अतिथियों, प्रतिभागियों एवं सहयोगियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया।
सम्मेलन में दो दिनों के दौरान 16 विषयगत ट्रैक के अंतर्गत चार सत्रों में 150 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। इस सम्मलेन में ओमान, नेपाल, अमेरिका, जिम्बाब्वे और भारत सहित सात से अधिक देशों के 180 से शोधकर्ताओं, संकाय सदस्यों, छात्रों और उद्योग विशेषज्ञों एवं प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मलेन में प्रस्तुतीकरण के लिए 252 शोध सारांश प्राप्त हुए थे जिनमे से 160 शोध सारांशों को उनकी गुणवत्ता एवं मौलिकता के आधार पर तकनीकी कमेटी द्वारा चयनित किया गया था।
18 अक्टूबर को समापन समारोह के. के. मोदी विश्वविद्यालय, दुर्ग की कुलपति डॉ मोनिका सेठी शर्मा के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ। ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर.डी. पाटीदार ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम के आयोजन को सफल बनाने में महती भूमिका निभाने के लिए सभी प्रतिभागियों के प्रति धन्यवाद भी ज्ञापित किया। ICRIEMSD 2024 की संयोजिका डॉ. दीप्ति शर्मा ने दो दिवसीय सम्मेलन का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। इस दौरान सोहर विश्वविद्यालय, ओमान से एसोसिएट प्रोफेसर, इंटरनेशनल पार्टनर डॉ. सरफराज जावेद ने ऑनलाइन माध्यम से अपने विचार प्रस्तुत किये। जिंदल ग्लोबल बिजनेस स्कूल, भारत के डीन डॉ. मयंक ढौंडियाल ने अपने उद्बोधन में कहा की सतत विकास में नवाचार, उद्यमशीलता और प्रबंधन की संयुक्त भूमिका की आवश्यकता स्पष्ट है: वे एक अन्योन्याश्रित चक्र बनाते हैं जहां रचनात्मकता, कार्रवाई और कुशल निष्पादन दुनिया की सबसे गंभीर समस्याओं को हल करने के लिए एक साथ काम करते हैं, और यह सुनिश्चित करते हैं कि भविष्य की पीढ़ियों को एक समृद्ध, संतुलित ग्रह विरासत में मिले। समापन समारोह के दौरान प्रस्तुत किये गए शोध पत्रों में से सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों को पुरस्कृत किया गया । मुख्य अतिथि, केके मोदी विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ की कुलपति डॉ. मोनिका सेठी ने ओपी जिंदल विश्वविद्यालय को समय की आवश्यकतानुसार उपयोगी सम्मलेन आयोजित करने के लिए बधाई दिया।
उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए कहा की सतत विकास के लिए नवाचार, उद्यमशीलता और प्रबंधन आवश्यक हैं क्योंकि ये मिलकर सकारात्मक परिवर्तन लाते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि विकास पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक लक्ष्यों के अनुरूप हो। कार्यक्रम का समापन सम्मेलन के सह-अध्यक्ष डॉ. जे.पी. रथ एवं संयोजक डॉ. गोपाल कृष्ण राठौड़ के धन्यवाद प्रस्ताव; एवं भारत और ओमान के राष्ट्रीय गान के साथ हुआ। इस सम्मलेन में स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट के सभी विद्यार्थी , प्रतिभागी, ओपी जिंदल विश्वविद्यालय के सभी प्राध्यापक, स्टाफ एवं छात्र उपस्थित रहे।
विदित हो की NAAC ‘A’ ग्रेड प्राप्त रायगढ़ के पुंजिपथरा स्थित ओपी जिंदल विश्वविद्यालय की स्थापना 2014 में (राज्य बिल अधिनियम 13) देश के प्रतिष्ठित औद्योगिक समूह – जिंदल ग्रुप द्वारा देश और विदेश के छात्रों को विश्व-स्तरीय शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। वर्त्तमान में विश्वविद्यालय में तीन स्कूल- स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट एवं स्कूल ऑफ़ साइंस संचालित हैं। स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग में डिप्लोमा, बी.टेक., एम.टेक., एवं पीएचडी; स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट में बीबीए, बी कॉम-ऑनर्स, बीए-ऑनर्स, एमबीए एवं पीएचडी; एवं स्कूल ऑफ़ साइंस में बीएससी-ऑनर्स, एमएससी एवं पीएचडी प्रोग्राम्स संचालित हैं। विश्वविद्यालय विश्व स्तर के पाठ्यक्रम, विश्व स्तरीय शिक्षक, आधुनिक शिक्षण विधियाँ, अत्याधुनिक बुनियादी ढाँचे और शिक्षार्थियों को एक जीवंत परिसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है; और यह विश्वविद्यालय इस्पात प्रौद्योगिकी और प्रबंधन की विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए डेडिकेटेड रूप से कार्य कर रहा है।