दिल्ली। संयुक्त सैन्य अभ्यास “अभ्यास सूर्यकिरण XIX – 2025” का 19 वां संस्करण उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में शुरू हुआ। यह अभ्यास 25 नवंबर से 8 दिसंबर 2025 तक चलेगा।
334 कर्मियों वाले भारतीय दल का प्रतिनिधित्व मुख्यतः असम रेजिमेंट के सैनिक कर रहे हैं। नेपाली पक्ष का प्रतिनिधित्व 334 कर्मियों वाले दल का प्रतिनिधित्व मुख्यतः देवी दत्ता रेजिमेंट के सैनिक कर रहे हैं।

इस अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र अधिदेश के अध्याय VII के अंतर्गत उप-पारंपरिक अभियानों का संयुक्त रूप से पूर्वाभ्यास करना है। इसका उद्देश्य जंगल युद्ध, पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकवाद-रोधी अभियानों, मानवीय सहायता एवं आपदा राहत, चिकित्सा प्रतिक्रिया, पर्यावरण संरक्षण और एकीकृत भू-विमानन अभियानों में बटालियन-स्तरीय तालमेल को मज़बूत करना है।
अभ्यास सूर्यकिरण-XIX का यह संस्करण विशिष्ट और उभरती प्रौद्योगिकियों को शामिल करने पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसमें मानव रहित हवाई प्रणाली (यूएएस), ड्रोन-आधारित आईएसआर, एआई-सक्षम निर्णय मदद उपकरण, मानव रहित लॉजिस्टिक वाहन और बख्तरबंद सुरक्षा प्लेटफॉर्म शामिल हैं । इससे दोनों सेनाओं को वर्तमान वैश्विक गतिशीलता के अनुरूप आतंकवाद ।।रोधी वातावरण में संचालन के लिए रणनीति, तकनीक और प्रक्रियाओं को अनुकूलित करने में मदद मिलेगी।
सामूहिक प्रयासों का ध्यान सैनिकों के बीच अंतर-संचालन के स्तर को बढ़ाने तथा शांति स्थापना अभियानों के दौरान संयुक्त राष्ट्र के हितों और एजेंडे को सर्वोपरि रखते हुए जीवन और संपत्ति के जोखिम को कम करने पर केंद्रित होगा।
दोनों पक्ष युद्ध कौशल के व्यापक क्षेत्र पर विचारों और संयुक्त अभ्यासों के अभ्यासों का आदान-प्रदान करेंगे । इससे प्रतिभागियों को एक-दूसरे से सीखने का अवसर मिलेगा। सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करने से भारतीय सेना और नेपाली सेना के बीच रक्षा सहयोग का स्तर और बढ़ेगा। यह अभ्यास दोनों पड़ोसी देशों के बीच मज़बूत द्विपक्षीय संबंधों को भी बढ़ावा देगा।



