Saturday, November 9, 2024
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शिक्षकों के संकल्प और समर्पण से राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित – विश्वभूषण हरिचंदन

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रायपुर : राजभवन के दरबार हॉल में शिक्षक दिवस के अवसर पर राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमे चार उत्कृष्ट शिक्षकों रायपुर जिले की सुममता अहार प्रधानपाठिका को डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्मृति पुरस्कार, कोण्डागांव जिले की श्रीमती मधु तिवारी प्रधान अध्यापिका को डॉ. मुकुटधर पाण्डेय स्मृति पुरस्कार, रायगढ़ जिले की श्रीमती राश्मि वर्मा व्याख्याता को  डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार और खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की श्रीमती इंदिरा चंद्रवंशी शिक्षक एल.बी. को गजानन माधव  मुक्तिबोध स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी तरह प्रधान पाठक व्याख्याता, उच्च क्षेणी शिक्षक, शिक्षक, शिक्षक एल. बी. तथा सहायक शिक्षक एल. बी., वर्ग के 48 उत्कृष्ट शिक्षकों को वर्ष 2022-23 के लिए राज्य स्तरीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इस गरिमामय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल हरिचंदन ने कहा कि शिक्षकों का महत्वपूर्ण कार्य विद्यार्थियों को केवल ज्ञान देना नही होता, बल्कि उन्हें नैतिक मूल्यों, सही दिशा में चलने की क्षमता और समृद्धि की दिशा में मार्गदर्शन करना भी होता है। हमारे बीच उपस्थित शिक्षकों ने इस कठिन मार्ग पर चलते हुए न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि समाज में भी सदाचार और सच्चाई की महत्वपूर्ण बातें सिखाई हैं। उन्होंने शिक्षा को एक नई दिशा की ओर ले जाने के लिए नवाचार किया है। हरिचंदन ने पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का स्मरण किया जिनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। गुरू रविन्द्रनाथ टैगोर, अरविन्दो जैसे महान शिक्षाविदो का जिक्र किया जिन्होनंे शिक्षकों के लिए  अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है।

शिक्षकों के संकल्प और समर्पण से राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में नये आयाम स्थापित - विश्वभूषण हरिचंदन

हरिचंदन ने कहा कि शिक्षकों से कहा कि आपका यह संघर्ष और मेहनत अनमोल है। आपने कई बार कठिनाइयों का सामना किया होगा, परंतु आपकी निष्ठा और प्रतिबद्धता ने उन सभी समस्याओं को पार करने में सफलता दिलाई है। हम सबके लिए आपका यह समर्पण एक प्रेरणा स्रोत है।
राज्यपाल ने सभी पुरस्कार प्राप्त करने वाले शिक्षकों को बधाई दी और कहा कि इन शिक्षकों ने छत्तीसगढ़ की समृद्धि और सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में अपना योगदान दिया है और हम सभी को इस बात का गर्व है कि हमारे राज्य में ऐसे समर्पित और प्रेरणास्रोत शिक्षक हैं। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा में रचनात्मकता को बढ़ावा दिया जाय तथा शिक्षकों को रचनात्मक शिक्षण विधि से पढ़ाने के लिए सशक्त बनाया जाना चाहिए।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्र और समाज के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। आज हम जिस जगह पर खड़े है वहां तक पहुंचाने में हमारे गुरूओं का योगदान है। भारत के  चंद्रयान को चंद्रमा तक पहुंचाने के लिए  वैज्ञानिकों ने जो सफलता हासिल की है, उसमे भी उनके गुरूओं का बड़ा योगदान है। बघेल ने कहा कि प्रदेश, जिला, ब्लाक से लेकर स्कूलों तक शिक्षा का वातावरण तैयार करना सबसे जरूरी है। शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यो से शिक्षा का वातावरण राज्य में बना जिसकी चर्चा पूरे देश में है। प्रदेश सरकार द्वारा 30 हजार से ज्यादा शिक्षकों की नियुक्ति तथा स्कूलों का जीर्णोद्धार, साफ-सफाई एवं सौंदर्यकरण के लिए 1 हजार 37 करोड़ रूपये स्वीकृत किया गया और इसके लिए आगे भी राशि की कमी नहीं होगी। बघेल ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती, नियमित परीक्षा का आयोजन तथा कोरोनाकाल में राज्य की शिक्षण व्यवस्था की राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हुई।

स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने वर्ष 2023-24 के राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान पुरस्कार हेतु चयनित शिक्षकों के नाम की घोषणा की।
कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन स्कूल शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. आलोक शुक्ला ने दिया।

इस अवसर पर संसदीय सचिवद्वय द्वारिकाधीश यादव, सुशकंुतला साहू, राज्यपाल के सचिव अमृत कुमार खलखो, राज्यपाल के विधिक सलाहकार राजेश श्रीवास्तव, सचिव स्कूल शिक्षा एस भारतीदासन, संचालक स्कूल शिक्षा सुनील कुमार जैन, राज्यपाल के उपसचिव दीपक कुमार अग्रवाल सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा शिक्षकगण, पत्रकारगण उपस्थित थे।

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