रायपुर। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री निवास में पदकवीरों का सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुजरात में आयोजित नेशनल गेम्स में पदक जीतने वाले 172 खिलाड़ी और कोच को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कोच और खिलाड़ियों को 16 लाख रुपये नगद पुरस्कार देने की भीघोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में खेल की अपार संभावनाएं हैं। सभी खेल संघों को मिलकर काम करना होगा। खेल को राजनीति से पूरी तरह से अलग रखना चाहिए।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में खेलों के लिए अच्छा माहौल तैयार करने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नई-नई खेल अकादमियां शुरू हो रही हैं। खिलाड़ियों के खेल कौशल को बढ़ाने के लिए विश्व स्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने समारोह में गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेल में पदक जीतने वाले राज्य के खिलाड़ियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेलों के माध्यम से जहां खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलती है, वहीं हम सब भी गौरवान्वित महसूस करते हैं। उन्होंने पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के साथ ही सभी प्रतिभागी खिलाड़ियों को बधाई दी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने व्यक्तिगत एवं टीम स्पर्धाओं में पदक जीतने वाले 64 खिलाड़ियों, विभिन्न खेलों में भाग लेने वाले 89 अन्य खिलाड़ियों तथा 38 प्रशिक्षकों-प्रबंधकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा, छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव देवेंद्र यादव, रायपुर नगर निगम के पूर्व महापौर गजराज पगारिया और छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के पदाधिकारी भी समारोह में उपस्थित थे।
संगठित प्रयास और अनुकूल वातावरण की जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में खेलों के विकास और खिलाड़ियों के प्रोत्साहन के लिए अच्छा वातावरण तैयार किया जा रहा है। किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए संगठित प्रयास और अनुकूल वातावरण की जरूरत होती है। प्रदेश में अभी 21 अकादमी संचालित हैं, जिनमें दो आवासीय अकादमी भी हैं। इनकी संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। जब नारायणपुर के बच्चे मलखंब में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा सकते हैं, तो कुछ भी असंभव नहीं है।
योजनाबद्ध रूप से कौशल को निखारना होगा : देवेंद्र यादव
छत्तीसगढ़ ओलिंपिक संघ के महासचिव देवेंद्र यादव ने कार्यक्रम में कहा कि प्रदेश के खिलाड़ियों में बहुत प्रतिभा और ऊर्जा है। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में यहां के खिलाड़ी लगातार अपना दमखम दिखाते रहे हैं। राज्य की खेल प्रतिभाओं को तराशने के लिए हमें संगठित रूप से अच्छी अधोसंरचना तैयार करनी होगी। 14-15 वर्ष की उम्र में खिलाड़ियों की पहचान कर योजनाबद्ध रूप से उनके कौशल को निखारना होगा। खेल सुविधाओं को दूरस्थ अंचल के बच्चों तक भी पहुंचाना होगा।