Mahadev App Case ED : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के दौरान तात्कालीन सीएम भूपेश बघेल को महादेव सट्टा ऐप (Mahadev App Case CG) प्रमोटर्स की तरफ से 508 करोड़ रुपए दिए गए थे। ईडी की पूरक चार्जशीट में ये खुलासा हुआ है। असीम दास के बयान के मुताबिक महादेव एप के एक प्रमोटर शुभम सोनी ने उसे कैश पहुंचाने का काम सौंपा था।
ईडी के पूरक चार्जशीट के मुताबिक मामले में एक और राजदार मिला है, जिससे कई और खुलासे हो सकते हैं। ये राजदार नेताओं और अफसरों तक पहुंचने वाले पैसों का हिसाब-किताब रखता था। इसे 10 जनवरी को कोर्ट में पेश किया जा सकता है। इसी के बयान के बाद ही शुभम सोनी को महादेव ऐप का तीसरा संचालक मानते हुए प्रथम अभियोजन परिवाद में आरोपी बनाया गया है।
पूछताछ में पता चला कि असीम दास को 25 अक्टूबर, 2023 को शुभम सोनी ने दुबई बुलाया था। भूपेश बघेल तक रुपए पहुंचाने के लिए उसे नगदी उपलब्ध कराई गई। दास के फ ोन से बरामद एक वॉयस मैसेज से ये दावा किया गया है। आरोप पत्र में शुभम सोनी, अनिल कुमार अग्रवाल उर्फ अतुल अग्रवाल, रोहित गुलाटी, भीम सिंह यादव और असीम दास सहित कई अन्य आरोपी व्यक्तियों के नाम शामिल हैं। मामले की पेशी 10 जनवरी को होगी।
दुबई में 99.46 करोड़ के फ्लैट और एक प्लाट जब्त : ईडी ने कोर्ट में पेश पूरक आरोप पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि कोर्ट के आदेश पर दुबई में स्थित 99.46 करोड़ रुपये के एक फ्लैट और एक प्लाट को जब्त किया है। ये संपत्ति आरोपित विकास छापरिया और अग्रवाल की है।
पिछले साल पेश की गई पहली चार्जशीट में ईडी (Mahadev App Case CG) ने सट्टेबाजी और गेमिंग एप के दो मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल समेत अन्य लोगों के बीच नामित किया था। दोनों को पिछले दिनों ईडी के आदेश पर जारी इंटरपोल रेड नोटिस के आधार पर दुबई में हिरासत में लिया गया। एजेंसी उन्हें संयुक्त अरब अमीरात से भारत निर्वासित या प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रही है।
35 सौ कर्मियों को रहने के लिए 20 विला किराए पर : प्रमोटरों ने छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों के करीब 3,500 कर्मचारियों को दुबई में रखा है। उनके रहने के लिए दुबई में 20 विला किराए पर लिए गए थे। दीवान ने ईडी को बताया इन कर्मचारियों के भोजन, आवास, दवा, यात्रा और वीजा पर होने वाला खर्च प्रमोटर ही वहन करते हैं।
उन्होंने एजेंसी को यह भी बताया कि 18 सितंबर, 2022 को दुबई में प्रमोटरों ने एक सक्सेस पार्टी का आयोजन किया था, जिसमें बालीवुड के सितारे शामिल हुए थे। ईडी ने इस मामले में बयान दर्ज कराने अभिनेता रणबीर कपूर, हुमा कुरेशी और हास्य अभिनेता कपिल शर्मा सहित अन्य को तलब भी किया है।
राजनीतिक साजिश का है हिस्सा : ईडी (Mahadev App Case CG) की पूरक चार्जशीट पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ईडी राजनीतिक आकाओं के इशारे पर साजिश कर रही है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट कर लिखा कि- ईडी ने अपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जिस तरह से मेरा नाम लिखा है, वह पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर कूटरचना कर लोगों को गिरफ्तार कर रही है और उनसे दबावपूर्वक मेरे और मेरे सहयोगियों के खिलाफ बयान दिलवा रही है।
इन बयानों में जो पैसों के लेनदेन के आरोप लगाए गए हैं उनका कोई आधार नहीं है। जिस असीम दास के पास से रुपए बरामद हुए थे उसने जेल से अपने हस्तलिखित बयान में कह दिया है कि उन्हें भी धोखे में रखकर फं साया गया है और उन्होंने कभी किसी राजनेता व उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया। अब ईडी दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है। यह किस दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं।
मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी जांच : महादेव ऐप (Mahadev App Case CG) के घोटाले की जांच मैंने ही मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू की थी। मैं चाहता था कि इस पूरे गिरोह का भंडाफ ोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे। छत्तीसगढ़ सरकार की इस जांच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जाँच कर रही है लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जांच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव व बदनामी का हथियार बना लिया है। महादेव ऐप के पूरे मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर भाजपा को फ ायदा पहुंचाने का ही रह गया है।
मेरा नाम लेने दबाव डाल रही ईडी : पूर्व सीएम ने आगे लिखा है कि अब सवाल यह है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपए बरामद किए थे उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है। इसका मतलब है कि पूरी घटना पूर्व नियोजित थी और इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी। ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले का बयान वापस ले लिया है। हम तो शुरुआत से कह रहे हैं कि ईडी मारपीट से लेकर धमकी देने तक हर हथकंडे अपनाकर मेरा व मेरे सहयोगियों का नाम लेने का दबाव बना रही है। ईडी के नए दस्तावेज से यह और स्पष्ट हो गया है।
मनी ट्रेल को पहले साबित करे ईडी : पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव के मुताबिक पहले भी राज्य में चुनाव को प्रभावित करने के लिए ईडी ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम लिया था। असीम दास के बयान के आधार पर उनका नाम जोड़ा गया। जबकि असीम दास ने खुद कहा था कि उससे ये बयान दबाव डालकर लिया गया है। सिंहदेव ने आगे कहा कि देशभर में ईडी का खेल चल रहा है। इस कार्रवाई को भी मैं उसी संदर्भ में देखता हूं। कितने पैसे मिले और इसका उपयोग कहां किया गया। इस मनी ट्रेल को पहले ईडी साबित करे।