कला एवं मानविकी संकाय, अंजनिया विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा एक अत्यंत उपयोगी और संवेदनशील विषय पर विशेषज्ञ व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान का विषय था “ऑटिज़्म: समझ, अनुभव और संवेदना”। इस अवसर पर मुख्य अतिथि और विशेषज्ञ वक्ता ने अपने अनुभवों के आधार पर गहन जानकारी साझा की।

उन्होंने ऑटिज़्म की विशेषताओं, व्यवहारिक पहलुओं तथा सामाजिक चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कई वास्तविक केस स्टडीज़, वीडियो और उदाहरणों के माध्यम से उपस्थित विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार संवेदनशीलता और समझदारी के साथ ऑटिस्टिक बच्चों को बेहतर जीवन दिया जा सकता है। यह व्याख्यान न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि एक मानवीय दृष्टिकोण विकसित करने में सहायक भी सिद्ध हुआ। उन्होंने यह भी प्रेरित किया कि हमें इन विशेष बच्चों के प्रति सहानुभूति नहीं बल्कि ‘सह-भावना’ के साथ व्यवहार करना चाहिए।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति, रजिस्ट्रार एवं अन्य वरिष्ठ संकाय सदस्य भी उपस्थित रहे, जिन्होंने कार्यक्रम की सराहना की और विद्यार्थियों को समाज के प्रति अधिक उत्तरदायी बनने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के अंत में कला एवं मानविकी संकाय की अधिष्ठाता डॉ. रूपाली चौधरी ने मंच से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम विद्यार्थियों को सामाजिक यथार्थ से जोड़ते हैं और उनके व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आंजनेय विश्वविद्यालय का कला एवं मानविकी संकाय न केवल विषयवस्तु आधारित ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान, परियोजनाओं, वर्कशॉप, सेमिनार और फील्ड वर्क के माध्यम से जीवन के विविध पहलुओं से जोड़ने का कार्य भी करता है।
यह संकाय इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, अंग्रेज़ी, हिंदी, भूगोल जैसे विषयों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर डिग्री प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त पत्रकारिता एवं जनसंचार (BAJMC, MAJMC, PGDJ), सोशल वर्क (BSW, MSW), और फिल्म निर्माण, मीडिया स्टडीज़, ग्राफिक एनिमेशन, फोटोग्राफी, न्यूज़ रीडिंग, एंकरिंग आदि में डिप्लोमा पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं।
यहाँ की योग्य एवं अनुभवी फैकल्टी, आधुनिक प्रयोगशालाएं, मीडिया स्टूडियो, डिज़ाइन लैब तथा रचनात्मक वातावरण विद्यार्थियों को एक समग्र और बहुआयामी शिक्षा प्रदान करते हैं। समय-समय पर आयोजित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यशालाएं, सेमिनार व सम्मेलनों के माध्यम से छात्रों को विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त होता है।
डॉ. रूपाली चौधरी ने यह भी जानकारी दी कि कला एवं मानविकी संकाय में प्रवेश प्रारंभ हो चुके हैं और इच्छुक विद्यार्थी शीघ्र आवेदन कर सकते हैं।
यदि आप अपने करियर को रचनात्मकता, मानविकी और समाजसेवा की दिशा में आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो अंजनिया विश्वविद्यालय का यह संकाय आपके लिए उपयुक्त मंच है।