Sunday, November 16, 2025
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छत्तीसगढ़िया स्वाद से महक उठा केवड़िया:एकता नगर में छत्तीसगढ़ के पर्यटन एवं संस्कृति की गूंज

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रायपुर, 11 नवंबर 2025/गुजरात के केवड़िया स्थित एकता नगर में सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती वर्ष के अवसर पर आयोजित भारत पर्व में छत्तीसगढ़ की झलक हर आगंतुक के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने भारत पर्व का अवलोकन किया तथा छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा लगाए गए स्टॉल का निरीक्षण किया। उन्होंने पर्यटन मंडल के अधिकारियों से राज्य के प्रमुख पर्यटक स्थलों और योजनाओं की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि “छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता, परंपराएं और लोककला पूरे भारत में अपनी अनोखी पहचान रखती हैं। छत्तीसगढ़ अब तेजी से भारत के उभरते हुए पर्यटन केंद्र के रूप में पहचान बना रहा है।”

छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजन खींच रहे हैं आगंतुकों का ध्यान: मुख्यमंत्री ने भी लिया छत्तीसगढ़िया व्यंजनों का स्वाद

छत्तीसगढ़िया स्वाद से महक उठा केवड़िया:एकता नगर में छत्तीसगढ़ के पर्यटन एवं संस्कृति की गूंज

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने स्टूडियो किचन में पर्यटन मंडल छत्तीसगढ़ द्वारा संचालित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, रायपुर की छात्राओं द्वारा तैयार पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लिया। अमारी का शरबत, करील के कबाब, चौसेला रोटी, बफौरी और फरा जैसे व्यंजनों ने छत्तीसगढ़ की समृद्ध पाक-कला और संस्कृति की झलक पेश की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आईएचएम रायपुर की छात्राओं की सराहना करते हुए कहा कि “ये छात्राएं छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर की संवाहक हैं, जो अपनी प्रतिभा से राज्य का गौरव बढ़ा रही हैं।”

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक श्री विवेक आचार्य एवं जीएम श्री वेदव्रत सिरमौर भी उपस्थित थे।

हस्तकला और लोकसंस्कृति पर गर्व

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अंबिकापुर के बुनकरों द्वारा तैयार कोसा वस्त्रों की खरीदारी की और शिल्पियों से बातचीत की। उन्होंने भारत पर्व में प्रस्तुति देने आए छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक दल से भी मुलाकात कर उन्हें प्रोत्साहित किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि “छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति, वेशभूषा और लोकनृत्य हमारी पहचान का अभिन्न हिस्सा हैं। हमारा उद्देश्य है कि इन परंपराओं को राष्ट्रीय मंच पर और सशक्त रूप से प्रस्तुत किया जाए।”

भारत पर्व में छत्तीसगढ़ के लोकनृत्य, हस्तशिल्प, पारंपरिक खानपान और समृद्ध पर्यटन स्थलों की झलक देखने के लिए बड़ी संख्या में आगंतुक पहुंच रहे हैं और राज्य की सजीव संस्कृति से अभिभूत हो रहे हैं।

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