रायपुर। उप मुख्यमंत्री तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री अरुण साव ने आज रायपुर के ‘‘नीर भवन’’ में विभागीय कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने बैठक में प्रदेशवासियों को शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन के माध्यम से हर घर नल से जल उपलब्ध कराने की महती मुहिम शुरू की है। इसे लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए सभी अधिकारी योजनाबद्ध तरीके से कार्य करें। उन्होंने विभाग में रिक्त पदों को जल्दी भरने पर भी जोर दिया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री मोहम्मद कैसर अब्दुलहक और प्रमुख अभियंता श्री एम.एल. अग्रवाल सहित विभाग के सभी मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और कार्यपालन अभियंता समीक्षा बैठक में मौजूद थे।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने जिलेवार सभी विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने विभाग द्वारा स्थापित हैंडपंपों के संधारण एवं सुधार के लिए विशेष अभियान चलाकर काम करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हैण्डपम्प पेयजल का महत्वपूर्ण स्रोत है।
यह हमेशा चालू हालत में रहे, यह सुनिश्चित किया जाए। बैठक में सभी जिलों के कार्यपालन अभियंताओं ने जल जीवन मिशन के साथ ही अन्य विभागीय योजनाओं की प्रगति की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री साव ने राज्य की सभी बसाहटों, स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल से जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने गर्मियों में कहीं पर भी पेयजल की समस्या न हो, इसके लिए समुचित कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
श्री साव ने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पेयजल योजनाओं की सतत् निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों को प्रोत्साहित करने तथा कार्य के प्रति उदासीन अधिकारियों पर कार्यवाही करने को कहा। उन्होंने मैदानी स्तर पर कार्यों में तेजी लाते हुए सभी कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
निर्माण व सुधार के आवश्यक कार्य त्वरित गति से हों, यह सुनिश्चित करें। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे मुख्यालय में ही रहकर अपने कार्य संपादित करें। श्री साव ने बैठक में समूह नल जल योजनओं, जल आवर्धन योजनाओं, नलकूल खनन तथा विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत हैण्डपम्पों के संधारण एवं खनन कार्यों की भी समीक्षा की।