Rajnandgaon News : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव ब्लाक के ग्राम किलारगोंदी में एक खेत में विलुप्त हो रहे दुर्लभ प्रजाति का गरूड़ (Garuda Bird) पक्षी मिला। घायल अवस्था में मिले इस विशालकाय पक्षी को ग्रामवासियों की सूचना के बाद इलाज के लिए नगर लाया गया। जहां पशु चिकित्सालय में पक्षी के उपचार के बाद उसे वन विभाग ने राजधानी रायपुर के जंगल सफारी भेज दिया।
वन विभाग के अफसरों ने बताया कि सोमवार को सुबह आठ बजे ग्राम किलारगोंदी से सूचना मिली कि एक गरूड़ घायल अवस्था में गांव के किसान धनेश्वर पिता झाडूराम के खेत में पड़ा हुआ है।जानकारी मिलते ही वन विभाग का एक पांच सदस्यीय दल ग्राम किलारगोंदी पहुंचकर घायल अवस्था में मिले गरूड़ पक्षी को नगर ले आया।
घायल पक्षी को पशु चिकित्सालय में उपचार कराया गया। विभागीय अफसरों के मुताबिक पक्षी के पंख में चोट आई थी, इसलिए वह उड़ नहीं पा रहा था। गरूड़ दुर्लभ प्रजाति का पक्षी है। गरुड़ (Garuda Bird) चील और बाज से बड़ा होता है, किंतु ये गिद्ध से आकार में थोड़ा छोटा है, किंतु इसकी चोंच चील से बड़ी होती है।
यह पक्षी दिखने में बाज या चील की तरह ही दिखता है। गरुड़ को अंग्रेजी भाषा में Eagle और उर्दू में उकाब कहते हैं।। गरुड़ पक्षी का प्रिय भोजन नाग है। यदि ग्रन्थ , पुराण और शास्त्रों की माने तो जब कोई व्यक्ति मरणासन्न अवस्था में हो और वे गरुड़ (Garuda Bird) पक्षी के दर्शन कर ले तो उसके लिए वह बहुत सौभाग्य की बात होती है और उसे बैकुंठ में स्थान मिलता है और यह पक्षी जाति मुख्यतः भगवान विष्णु के वाहन वैनतेय गरुड़ और उनके भाई अरुण के वशंज हैं।
गरुड़ पक्षियों की अधिक प्रजातियां विदेशों के साथ साथ भारत में हिमालय उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ में है। किन्तु मनुष्य के लालच के कारण गरुड़ पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है। पक्षियों का राजा गरुड़ पक्षी को ही माना जाता है । गरूड़ पक्षी की 60 से भी अधिक प्रजातियां है।