Thursday, November 28, 2024
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ओपी जिंदल विश्वविद्यालय ने दो-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ISMS-2023) का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न

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अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी प्रतिभागियों को शोध के नए आयाम से परिचित कराती हैं जो कि अनुसन्धान एवं विकास के स्तर को बढ़ाता है एवं बहु-विषयक अनुसंधान को बढ़ावा देकर युवाओं के लिए नए अवसर प्रदान करता है। उच्च स्तर के अनुसंधान से विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी।- डॉ. आर. डी. पाटीदार, कुलपति-ओपी जिंदल विश्वविद्यालय

रायगढ़। ओपी जिंदल विश्वविद्यालय , रायगढ़ द्वारा “इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स एंड मैनेजमेंट साइंस” विषय पर दो- दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेत्नन [50052023) का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्‍न हो गया। 23 दिसंबर से 24 दिसंबर. 2023 के दौरान ओपीजेयू के कंप्यूटर साइंस एन्ड इंजीनियरिंग विभाग द्वारा फैकल्टी ऑफ़ आईसीटी, यूनिवर्सिटी ऑफ़ माल्टा के साथ मिल्रकर; एवं एनआईटी, रायपुर तथा सेंटर फॉर ग्लोबल मैनेजमेंट एम्ल्योन बिजिनेस स्कूल के सहयोग से हाइब्रिड (फिजिकल्र एवं वर्चुअल्न दोनों ) माध्यम से आयोजित यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन अनुसन्धान एवं विकास को सामाजिक समस्याओं को उचित तकनीकी समाधान प्रदान करने एवं भारत को विकसित भारत बनाने के संकल्प के साथ संपन्‍न हुआ।

ओपी जिंदल विश्वविद्यालय ने दो-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन (ISMS-2023) का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न

23 दिसंबर को आईआईटी, भिलाई के सभागार में सम्मलेन का उद्घाटन आईआईटी, भिलाई के निदेशक डॉ राजीव प्रकाश ने प्रो. इंग कार्ल जेम्स डेबोनो (डीन, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी संकाय, यूनिवर्सिटी ऑफ़ माल्टा , मिसिडा), डॉ लल्लित गर्ग (यूनिवर्सिटी ऑफ़ माल्टा, मिसदा), डॉ दिलीप सिंह सिसोदिया (सह प्राध्यापक- ४॥, रायपुर ), डॉ आर. डी. पाटीदार (कुलपति – ओपी जिंदल विश्वविद्यालय , रायगढ़) एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियो की उपस्थिति में किया। सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आर. डी. पाटीदार ने कहा की “इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स एंड मैनेजमेंट साइंस” विषय पर आधारित इस सम्मेलन का उददेश्य इन्फॉर्मेशन सिस्टम्स से सम्बंधित और इंटर- डिसिप्लिनरी विषयों मे शोध एवं विकास से संबन्धित दुनिया भर के शिक्षाविद, शोधकर्ता, और अन्य सभी संबंधित विशेषज्ञों को एक मंच प्रदान करना और विभिन्‍न मुद्दों पर विचार-विमर्श एवं चिंतन कर विकसित भारत की संकल्पना को गढ़ने एवं सतत विकास हेतु सार्थक योजनाओं के निर्माण की पहल करने का प्रयास करना है। इस तरह की अंतर्राष्ट्रीय स्तर की संगोष्ठी प्रतिभागियाँ को शोध के नए आयाम से परिचित कराती हैं जो कि अनुसन्धान एवं विकास के स्तर को बढ़ाता है एवं बहु-विषयक अनुसंधान को बढ़ावा देकर युवाओं के लिए नए अवसर प्रदान करता है।

उच्च स्तर के अनुसंधान से विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी। इस अवसर पर डॉ ललित गर्ग ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ माल्टा एवं कांफ्रेंस की उपयोगिता इत्यादि के वारे में बात किया। प्रो इंग कार्ल जेम्स डेबोनो (प्रोफेसर & डीन, सूचना एवं संचार प्रौदयोगिकी संकाय, यूनिवर्सिटी ऑफ़ माल्टा , मिसिडा) ने संयुक्त रिसर्च को लेकर अपने विचार सभी के साथ साझा किये। मुख्य अतिथि आईआईटी, भिल्राई के निदेशक डॉ राजीव प्रकाश ने अपने उदबोधन में समयानुकूल अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन के लिए ओपीजेयू एवं कुलपति महोदय को बधाई दिया।

डॉ प्रकाश ने स्कॉलर्स को गाँव एवं गाँव के लोगों के साथ मिलकर गाँव के लिए अनुसंधान कार्य करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आईआईटी, भिलाई में इस तरह के किये जा रहे कार्यो एवं अनुसंधान और विकास के कार्यों के बारे में सभी को अवगत कराया। इस अवसर पर सभी अतिथियाँ द्वारा संगोष्ठी की स्मारिका का विमोचन किया गया। इस दौरान ओपी जिंदतर विश्वविद्यालय , रायगढ़ और यूनिवर्सिटी ऑफ़ माल्टा , मिसिडा के बीच में आपसी सहयोग के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए। ओपी जिंदल विश्वविद्यात्रय , रायगढ़ की ओर से कुलपति. डॉ आर डी पाटीदार ने और यूनिवर्सिटी ऑफ़ माल्टा, मिसिडा की ओर से प्रो इंग कार्ल जेम्स डेबोनो ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किये गए और डॉ दिलीप सिंह सिसोदिया (सह प्राध्यापक- |५।, रायपुर ) ने सभी अतिथियों, प्रतिभागियों आयोजक टीम के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ संजय कुमार सिंह (प्राध्यापक – मानविकी विभाग) ने किया।

उद्घाटन समारोह के पश्चात प्रो. इंग कार्ल जेम्स डेबोनो (प्रोफेसर & डीन, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी संकाय, यूनिवर्सिटी ऑफ़ माल्टा , मिसिडा) ने अपना बीज वक्तव्य प्रस्तुत किया। बीज वक्तव्य के पश्चात शोधार्थियों द्वारा अपने शोध प्रस्तुत किये गए और सात शोधप्रों के लिए शोधार्थियों को रुपये 2000 ।- की रिसर्च ग्रांट भी प्रदान की गयी। 24 दिसंबर को आयोजित संगोष्ठी के समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. एन वी रमण राव निदेशक, राष्ट्रीय प्रौदयोगिकी संस्थान, रायपुर थे। डॉ राव ने अपने उदबोधन में ओ पी जिंदल विश्वविद्यालय एवं पूरी आयोजन टीम को बधाई देते हुए संगोष्ठी के समकालीन महत्व पर प्रकाश डालते हुए भविष्य की जरूरतों को देखते हुए नए अनुसन्धान की आवश्यकता पर बल दिया।

संगोष्ठी के दो दिनों के दौरान दो बीज वक्तव्य (प्रो कार्ल जेम्स डेबोनो, माल्टा विश्वविद्यालय, मिसिडा एवं साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर मशीन इंटेलिजेंस (सीएमआई) के निदेशक प्रोफ़ेसर हैमिंग लियू) एवं 86 शोध पत्रों का वाचन किया गया। शोधार्थियाँ के शोधपत्र प्रस्तुतीकरण के आधार पर 9 शोधपत्रों को बेस्ट पेपर अवार्ड भी प्रदान किये गए। ज्ञातव्य हो की संगोष्ठी के लिए आये 48 शोध सारांशों में से केवल 96 शोध सारांशों को स्वीकृत किया गया था जिसमे से 86 शोधार्थियों ने अपने शोधपत्र प्रस्तुत किये।

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